Thursday, 18 June 2015

नंदा देवी एक्सपीडिशन

यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित  नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में अगले चौबीस  दिनों तक वैज्ञानिको व अधिकारियों द्वारा विभिन्न पादपो व जानवरों की स्थिति के बारे में जानकारियां जुटाई जाएँगी. वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत  सरकार व वन विकास निगम उत्तराखंड के संयुक्त तत्वाधान में शुरू हुए नन्दा देवी डिकेडल एक्सपीडिशन 2015 के दल कों उत्तराखंड के वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने हरी झंडी दिखा कर जोशीमठ से रवाना किया.दल का मकसद अगले चौबीस दिनों तक नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में जैव विविधताओं का अध्ययन कर पार्क की वर्तमान स्थिति को जानना है.
ज्ञात हो कि नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में 1982 में चार हजार से भी अधिक पर्यटक व ट्रेकर्स पहुंचे थे, बढती पर्यटन गतिविधियों व मानव दखल के कारण नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा था जिस कारण सरकार द्वारा 1983 में पार्क में सभी गतिविधियाँ बंद करवा दी गई थी. इसके बाद 1993 से हर दस साल में नन्दा देवी डिकेडल एक्सपीडिशन शुरू किया गया जिसके द्वारा नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क की स्थिति में हुए सुधारो का अध्ययन किया जाने लगा.मानव गतिविधियाँ कम होने से नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क की स्थिति में अनुकूल प्रभाव पड़ा व पार्क में न सिर्फ जैव विविधता बल्कि जंतुओं की स्थिति भी ठीक हुई.वर्ष 2013 में होने वाले नन्दा देवी डिकेडल एक्सपीडिशन को आपदा के कारण स्थगित करना पड़ा व इस वर्ष यह एक्सपीडिशन आयोजित किया गया है.
इस वर्ष नन्दा देवी डिकेडल एक्सपीडिशन के लिए गए दल में विभिन्न संस्थानों के 38 वैज्ञानिक व अधिकारी शामिल हैं. उत्तराखंड के वन मंत्री दिनेश अग्रवाल का कहना  है कि इस साल के एक्सपीडिशन से नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में कई सुधार  दिखने की प्रबल संभावनाएं है और अगर सुधार अपेक्षित रहे तो यह क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं को एक नयी गति देगा.
कमल नयन ।

No comments:

Post a Comment